दीपावली के रंग
मन-भोग लगाता है कोई, पेट किसी का खाली है।
मनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है।।
कहीं हजारों बिजली-लट्टू, दिन में भी जगमग करते।
कहीं रौशनी करने जुगनूँ, रातों में टिमटिम करते।।
दीप किसी का तेल बिना ही, रह जाता क्यों खाली है!
मनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है।।
सजी हुई है महफ़िल देखो, झूमें महल अटारी भी।
सुरा-सुन्दरी दोनों थिरके, नयनन चले कटारी भी।।
रात-रात भर देखो चलते, मुजरा और कव्वाली है।
मनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है।।
पास यहीं कुटिया में सुन लो, क्रन्दन होता है कैसा!
मरणासन बुधिया का बेटा, जिसके पास नहीं पैसा!!
सर को पीट-पीट कर रोती, बुधिया की घरवाली है।
मनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है।।
पाप नशाने मन्दिर जाते, थाल सजा कर मेवा का।
धूप-पुष्प अक्षत ले आते, पुण्य कमाने सेवा का।।
पण्डित जी भिजवा देते हैं, अपने घर वो थाली है।
मनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है।।
अठखेली कहीं करे बुढ़ापा, मस्त रहे रँग-रलियों में।
कहीं तड़पती रहे जवानी, बदनामी की गलियों में।।
एक है इनकी भी दीवाली, उनकी भी दीवाली है।
मनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है।।
विश्वजीत शर्मा 'सागर'
Anita
1 year agoवह वह शुभ दीपावली
Ajay Nath Dave
1 year agoExcellent 👌👌👍👍
सत्य लिखा आपने।
1 year agoनिःसंदेह अंतस छूती रचना।
सत्य लिखा आपने।
1 year agoनिःसंदेह अंतस छूती रचना।
Rajat
1 year agoमनती भारत में अब भी कुछ, इसी तरह दीवाली है वाह वाह बहुत लाजवाब रचना हुई ।
Dilip Kumar Sharma
1 year agoDesh ke halal ka satik chitran. Hriday ko sparsh kar gayi aapki ye ati sundar rachna. 💯🙏🙏
Dilip Kumar Sharma
1 year agoDesh ke halal ka satik chitran. Hriday ko sparsh kar gayi aapki ye ati sundar rachna. 💯🙏🙏
अन्नपूर्णा गुप्ता
1 year agoभावुक और गंभीर रचना
अन्नपूर्णा गुप्ता
1 year agoभावुक और गंभीर रचना
अन्नपूर्णा गुप्ता
1 year agoभावुक और गंभीर रचना
Dhananjay Singh
1 year agoआपकी हर कविता की तरह, मन को छू लेनेवाला।
Reecha Mishra
1 year agoSoo true and painful poem. Ye wo dard hai jo hai toh sabki najron ke samne toh hai,par dikhayi kisi ko nahi deta aur jo dikh bhi jaye toh kisi ko padi nahi hai
Sapna Pandey
1 year agoबेहतरीन रचना 👌👌 शुभ दीपावली 🌹
Sunita Joshi
1 year agoExcellent 👌👌
Sunita Joshi
1 year agoExcellent 👌👌
गीता अग्रवाल
1 year agoबहुत सुंदर कविता यथार्थ का वर्णन
विश्वजीत शर्मा 'सागर'
1 year agoइन सराहनाओं हेतु आप सभी सुधि पाठकों को मेरा सादर नमन और हार्दिक धन्यवाद। स्नेह बनाए रखियेगा।