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गांधी जयंती
घोषित सत्य की वाणी, अहिंसा का जयगान।
गांधी जीवन में दिखा सदा, सहज धर्म का ज्ञान॥१॥
करुणा-रस से भरे हुए, दृढ़ संकल्पी वीर।
चरखे की धुन में गूँज उठे, आत्मबल गंभीर॥२॥
दांडी यात्रा चला दिए, उठाकर सत्य पताका।
साम्राज्य के गढ़ को डिगा, किया नतमस्तक॥३॥
छाती तान खड़ा रहा, अन्यायों के बीच।
सत्याग्रह की ज्योति जली, जग हुआ उदीच॥४॥
सरल वसन कपास का, उज्ज्वल धवल प्रकाश।
जनमन के हर कोने में, उनका रहे निवास॥५॥
न दंड, न शस्त्र उठाया, न रक्त किया बहाय।
अहिंसा की महाशक्ति से, जग में जगा प्रकाश॥६॥
विनय, शुचिता, संयम से, जग में किया विख्यात।
भारत माँ के आँचल को, दी नूतन सौगात॥७॥
हिमालय-सा धैर्य था, गंगा-सा निर्मल।
गांधी का पावन जीवन, बने जगत आदर्श॥८॥
शांति-दूत, लोक-प्रिय, जन-हृदय सद्गुरु।
वंदे गांधी महात्मा को, शत-शत नमन करूँ॥९॥
-गौतम झा