महानवमी वंदना: सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा और महत्व

महानवमी वंदना: सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा और महत्व

महानवमी वंदना

नव दुर्गा का पूर्ण विधान,
महानवमी का पावन गान।
शक्ति का सर्वोच्च प्रकट रूप,
सिद्धि प्रदान करती स्वरूप।

शास्त्रों में वर्णित है यह दिन,
मंगलकारी, पवित्र, दैवगुण।
माता के नवम स्वरूप की आराधना,
करती है भक्तों की साधना।

इस दिन का गहन महत्व अपरंपार,
भक्ति, तप, साधन का आधार।
नव दिन की साधना पूर्ण हुई,
आस्था की सरिता निर्मल हुई।

कन्या पूजन का शुभ विधान,
माता का साकार सम्मान।
नव रूपों का संगम यहाँ,
मंगलमय होता जीवन जहाँ।

महानवमी में विजय का संदेश,
साहस, श्रद्धा, विश्वास का लेख।
राक्षसी वृत्तियों का होता संहार,
धर्म और न्याय का होता प्रचार।

हे देवी, तू जग की आधार,
तेरी कृपा से होता उद्धार।
महानवमी पर यह प्रण लिए,
सत्य और धर्म के पथ चले।

 -गौतम झा

Newsletter

Enter Name
Enter Email
Server Error!
Thank you for subscription.

Leave a Comment