महादेव की महिमा: शिवरात्रि पर भावपूर्ण हिंदी कविता

महादेव की महिमा: शिवरात्रि पर भावपूर्ण हिंदी कविता

शिवरात्रि की वंदना

भू पर छाया तम गहन, नभ में गूँजे रुद्र-गान,
कैलाश-पथ से आज फिर, आया शिव का दिव्य ज्ञान।

गंग धार झर-झर बहे, जटा में बहता काल-स्रोत,
नटराज के नाद से काँपे, यह सारा जग, यह लोक।

भस्म विभूषित अंग श्याम, कर में त्रिशूल प्रचंड,
संहार कर तम-पाश को, करें सृजन अनंत।

बेल-पत्र, जल, अक्षत चढ़े, गूँजे हर-हर का गान,
शिवमय हो यह चेतना, जागे हर हृदय में प्राण।

रुद्र-तांडव, योगी-ध्यान, शिव में लय है ब्रह्म का गान,
शिवरात्रि यह चेतन कर दे, मिट जाए हर संशय-भ्रमजाल।

गौतम झा

Leave a Comment

1 Comments

  •  
    Pk
    27 days ago

    हर हर महादेव....

Other Posts

Categories